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नया दिन / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल

रात भर महकती है
रातरानी
झरते हैं
हरसिंगार
पलते हैं दाने
छीमियों में
सीपी के मन में उमड़ता है
सागर
होता है
जन्म
नए दिन का।