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नया सबेरा / महेन्द्र भटनागर
Kavita Kosh से
सबेरा नया आ रहा है !
युगों का अँधेरा मिटाकर,
बड़ा लौह-परदा हटाकर,
सबेरा नया आ रहा है !
नयी रोशनी में नहा कर,
पुराना गला सब बहा कर,
सबेरा नया आ रहा है !
नवल-शक्ति दुर्जेय भरता,
सबल शत्रु पर वार करता !
सबेरा नया आ रहा है !
मनुज को नये गान देता,
सरल स्नेह मुसकान देता,
सबेरा नया, आ रहा है !
1949