भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नामकरण संस्कार / कृष्णावतरण / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
Kavita Kosh से
दिन बारह बीतल छल नामकरण केर प्राप्त मुहूर्त
वासुदेव कहलनि, यदुकुलगुरु गर्ग करथु जा’ पूर्त
गोकुल पहुँचि नन्दसँ कहलनि शिशु संस्कारित नाम
बलशाली अभिराम जेठ तनि नाम उचित बलराम
आकर्षण मन सभक करथि तेँ छोटा कृष्ण अभिधान
पुजि कुलदैवत, दुहु कुमार केर संस्कारक सन्धान
कस प्रभृति असुरक संहारक यदुकुल कमल निदान
नन्द! बुझिअ अहँ, शेष-शेषशायी दुहु छथि भगवान
मन पड़लनि नन्दहुकेँ वसुदेवक ओ कथा पुनीत
पोष्य पुत्र बुझि नन्द-नन्दनहु दुहुक समाने प्रीत
वासुदेव ओ नन्द-नन्दनहु दुहु कहबथु निर्वेद
यादवेन्द्र गोपालहु संबोधन नहि रहतनि भेद