पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
निकलो नऽ ओ बेटी स्याम-सुन्दरिया
तोरो वरअ् आयो परबल देशअ् मअ्
कसीज निकलू मैया यशोदा
बाबुलजी ठोड़े द्वारअ् मअ्
डाल लेजो घूँघट ओढ़ लेजो अंचल
ले लेजो निर्मल झकोर रे।
निकलो नऽ ओ बेटी स्याम-सुन्दरिया
तोरो वरअ् आयो परबल देशअ् मअ्
कसीज निकलू मैया यशोदा
बाबुलजी ठोड़े द्वारअ् मअ्
डाल लेजो घूँघट ओढ़ लेजो अंचल
ले लेजो निर्मल झकोर रे।