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नींद में ही हो जाना प्यार / वेरा पावलोवा
Kavita Kosh से
नींद में ही हो जाना प्यार
और जागना डबडबाई आँखें लिए
कभी नहीं किया
किसी को इतना प्यार
कभी किसी ने नहीं किया
इतना प्यार मुझे भी
वक़्त नहीं मिला
एक चुम्बन का भी
न ही पूछने का उसका नाम
अब उसके ख़्वाबों में
आँखों ही आँखों में
गुज़रती है मेरी हर रात
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल