न यों दूर रह कर सताया करो।
कभी साँवरे पास आया करो॥
निशा चाँदनी छेड़ कर रागिनी
सदा बाँसुरी मत बजाया करो॥
निराली तुम्हारी त्रिभंगी अदा
दिखा दिल हमारा लुभाया करो॥
रहें वारते भक्त-जन प्राण भी
वही मोहिनी छवि दिखाया करो॥
विरद दीनजन को सदा सुख मिले
किया है जो' वादा निभाया करो॥