Last modified on 10 मार्च 2011, at 10:19

पंखी राजा मीठा बोल (गीत) / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

पंखी राजा रे पंखी
राजा मीठा बोल
जोत जगी हर मन में
भँवरा गूँजा, डाली झूमे
बस्ती, बाड़ी, बन में
जोत जगी हर मन में

नदिया रानी रे
नदिया रानी मीठा बोल
मीठा बोल
घाट लगी हर नाव
रात गई सुख जागा
पायल बाँधो, नाचो, गाओ
घाट लगी हर नाव
नदिया रानी मीठा बोल

सुन्दर गोरी रे
सुन्दर गोरी मीठा बोल
जीवे रूप जवानी
बात करे तो फूल खिलें
अँखियाँ एक कहानी
जैसे दूर से तारा चमके
चमके रूप जवानी
जीवे रूप जवानी

जोत जगी हर मन में
पंखी राजा मीठा बोल
नदिया रानी मीठा बोल
सुन्दर गोरी मीठा बोल