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पतिव्रता सीतामाई को दिया तूने बनवास / शैलेन्द्र

पतिव्रता सीतामाई को तूने दिया बनवास
क्यूँ ना फटा धरती का कलेजा
क्यूँ ना फटा आकाश

जुलम सहे भारी, जनकदुलारी
जनकदुलारी, राम की प्यारी
फिरे है मारी-मारी, जनकदुलारी
जुलम सहे भारी, जनकदुलारी

गगनमहल का राजा देखो, कैसा खेल दिखाए
सीप से मोती, गंदले जल में सुन्दर कँवल खिलाए
अजब तेरी लीला है गिरधारी

(फ़िल्म - आवारा)