भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पत्थर जानता है / साँवर दइया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोई आदमी अगर
पत्थर पर फेंकता है पत्थर
पत्थर पलटकर नहीं मारता पत्थर

पत्थर जानता हैं
पत्थर से देव होने का इतिहास
मालीपन्ने-सिन्दूर
मनौतियाँ-चुनौतियाँ
पूरी होती कामनाएँ
श्रद्धा का उमड़ता सैलाब

चरणों में शीश झुका
नमन करने वाले किसी भी आदमी को
भूला नहीं है पत्थर !