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पन्द्रह कविताएँ / नायरा वहीद / नीता पोरवाल

1.

मैने तुम्हें प्यार किया
क्योंकि
यह
ख़ुद को प्यार करने से ज़्यादा
आसान था

2.

‘नही’
वह शब्द है
जो उन्हें गुस्से में भर देगा
और तुम्हें
आज़ादी देगा

3.

उदासी का
उसी तरह इन्तज़ार करो
जैसे तुम
इन्तज़ार करते हो बारिश का
दोनों ही
चमकाते हैं हमें

4.

तुम्हारा
मुझे न चाहना
मेरे लिए
ख़ुद को चाहने की शुरुआत थी
तुम्हारा शुक्रिया !

5.

मुझे
हर महीने
रक्तस्राव होता है
मैं तब भी नही मरती
मैं कैसे मान लूँ कि
मैं कोई जादू नही ?

6.

मैं
इस बात को तवज्जो नही देती
कि दुनिया ख़त्म हो रही है
मेरे लिए तो यह
कई बार
ख़त्म हुई
और अगली सुबह
शुरू भी हुई
कई बार

7.

मुझे ख़ुद से प्यार है
और यह
अब तक की
सबसे शान्त
सबसे सरल
सबसे ताक़तवर
क्रान्ति थी

8.
 
बेशक तुम्हें कोई चाहता होगा
पर इसका मतलब यह नही
कि वे तुम्हारी कदर भी करते होंगे
इसे एक बार फिर पढ़ें
और इन शब्दों को अपने दिमाग में गूँजने दें
  
9.
 
ये कैसी
चौंका देने वाली कैमिस्ट्री है
कि आप मेरी बाँह छूते हैं
और लपटें
मेरे दिमाग में उठने लगती हैं
  
10.
 
इच्छा
एक ऐसी शय है
जो तुम्हें खा जाती है
वहीँ तुम्हें
भूखा भी छोड़ जाती है
  
11.
 
यह
अपने दर्द के बारे में
ईमानदार होना ही है
जो मुझे अजेय बनाता है
  
12.
 
उन पर
कभी भरोसा मत करना
जो कहते हैं
कि उन्हें रंग नज़र नही आते
इसका मतलब है
कि उनके लिए
तुम अदृश्य हो
  
13.
 
अगर कोई मुझे चाहेगा नही
तो दुनिया ख़त्म नही हो जाएगी
पर अगर मैं ख़ुद को नही चाहूँगी
तो दुनिया ज़रूर ख़त्म हो जाएगी
  
14.
  
“फूल का काम
आसान नहीं
लपटों के बीच
नरम बने रहने में
वक़्त लगता है ।”
  
15.
 
मेरे पास
प्रेम के लिए
सात अलग-अलग लफ्ज़ थे
तुम्हारे पास
सिर्फ़ एक
मेरी बात में वज़न है
 
मानोगे ?
 
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : नीता पोरवाल