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परिचय / अंजना टंडन
Kavita Kosh से
अब तक
हर देह के ताने बाने पर
स्थित हैं
जुलाहे की ऊँगलियों के निशान
बस थोड़ा सा अंदर
रूह तक
जा धँसे है,
विश्वास ना हो
तो कभी
किसी की
रूह की दीवारों पर
हाथ रख देखना
तुम्हारे दस्ताने का माप भी
शर्तिया उसके जितना निकलेगा।