दूसरी औरत के तिलस्म
में फिसलते रहे तुम्हारे
हाथ कान नाक आंखें
उम्र भर...
अब वही हाथ
पांव नाक और आंख मुझे
छुएं?
मुझे जूठे बर्तनों से
घिन आती है...!
दूसरी औरत के तिलस्म
में फिसलते रहे तुम्हारे
हाथ कान नाक आंखें
उम्र भर...
अब वही हाथ
पांव नाक और आंख मुझे
छुएं?
मुझे जूठे बर्तनों से
घिन आती है...!