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पाती तुम्हे भेजी हुई है / प्रदीप शुक्ल
Kavita Kosh से
बाँचिये,
जी-मेल से
पाती तुम्हे भेजी हुई है
दोस्ती
तुमसे नई है
और कम्प्यूटर पुराना
लिंक कर भेजा तुम्हे
यू ट्यूब में फिर नया गाना
यहाँ
तेरी याद में अब
स्क्रीन होती सुरमई है
तुम ज़रा सा
फेसबुक को
बंद कर ई - मेल खोलो
हो सके तो फोन से
दो चार मीठे बोल बोलो
टाईपिंग में
देर लगती,
चाय ठंडी हो गई है
फेसबुक की
खिड़कियों पर
भीड़ रहती है तुम्हारी
थक गई है ट्वीट कर के
प्यार की चिड़िया हमारी
देखिये
प्रोफाइल में
डी पी लगाई फिर नई है
बाँचिये,
जी-मेल से
पाती तुम्हे भेजी हुई है