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पानी से नदारद होगा पानी / नीलोत्पल

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आने वाले दिनों की
नाउम्मीदगी के बारे में
कोई बात नहीं

मैं तुमसे नहीं कहूंगा
वह पेड़ जो गिराया गया, जा चुका
हम उस ख़ाली जगह पर
दस साल, सौ साल या हज़ारों सालों तक
लिखते रहेंगे अफसाने
लेकिन जिनके लिए छांह तक नहीं होगी

वक़्त इसी तरह कटता रहेगा
पानी से नदारद होगा पानी
आग से आग
दर्द से दर्द

टेªने पटरियों पर दौडेंगी
मगर मुश्किल होगा कि
एक आध हिलता हाथ पीछा करे तुम्हारा
अदृश्य होने तलक

सारी रोशनियां, सारा प्यार,
पत्तियां, गीली आंखे, चट्टानों पर बजता संगीत
भरे जा चुके होंगे बंद बोरों में
जिनकी गांठ के सिरे
खोए होंगे हमारी याददाष्त के भीतर

यह जानते हुए और नहीं जानते हुए भी
कि कल को तुम्हारी ज़रूरत है
अनुपलब्ध मिलोगे तुम
और किसी पुल के नीचे गहरे अंधकार से
गुज़रते हुए
याद नहीं रहेगा तुम्हें अपना पता

ठीक यह किसी तरह तो होगा
अगर सब कुछ इसी ढंग से चलता रहा