मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पियरी अँचरी विषहरि नामी-नामी केश
घुमइत आबय विषहरि तिरहुत देश
तोहरो सिंगार विषहरि लाबा आर दूध
हमरो सिंगार विषहरि गोदी भरि पूत
तोहरो सिंगार विषहरि अड़हुल फूल
हमरो सिंगार विषहरि सिर के सिनूर
फल मध्य गुअबा, नबेद मध्य पान
देवी मध्य विषहरि, दोख नहि जान