पीर-धूल संघर्षण देना   
प्राणों का नित अर्पण देना 
अलग न कोई करने पाये
ऐसा मुग्ध समर्पण देना 
जीवन में उत्साह जगाते
स्वप्नों का संकर्षण देना 
मुग्ध रहूँ स्तब्ध न होऊँ
 वह अद्भुत आकर्षण देना 
अपना अक्स देख मैं पाऊँ
मुझ को ऐसा दर्पण देना