भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पुरानी आदत / लालित्य ललित

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अपने को
झूठा साबित करना
कौन चाहता है
कोई नहीं
दूसरे की बीवी
फ्लाने की कार
फ्लाने का परांठा
फ्लाने की दौलत
सारे ही नालायक़ थे जी !
मास्टर की बदमाशी है जी
तोहमत लगाना
आरोप-प्रत्यारोप
महिमा मंडित करना
हम सब की पुरानी आदत है
जो
आसानी से
जायेगी, तब जायेगी ।