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पेइचिंग : कुछ कविताएँ-6 / सुधीर सक्सेना
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श्ये श्ये, पेइचिंग
श्ये श्ये!
हम फिर मिलेंगे
कभी न कभी
वांग फूलिंग स्ट्रीट पर
फिर पियेंगे हम स्वान-न्यू-नाय
चाए च्येन
अलविदा
फिर मिलेंगे
पेइचिंग
पहले मैं तुम-सा मुस्कराना तो सीख लूँ
हर मौसम में बेपनाह।
शब्दार्थ :
श्ये श्ये=धन्यवाद; स्वान-न्यू-नाय=लस्सी की तरह का एक चीनी पेय; चाए-च्येन=अलविदा।