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पेटू लाला / बालकृष्ण गर्ग

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पेटू लाला, चाट-मसाला-
छोले-आलू और कचालू,
इडली-डोसे, गरम समोसे,
दही-पकौड़ी, सौंठ-कचौड़ी,
आलू-टिक्की, गुड़ की चिक्की,
रसगुल्ले हों, तो हल्ले हो।
लार टपकती, जीभ लपकती;
बस डट जाते, सब चट जाते।
[धर्मयुग, 13 जनवरी 1980]