प्रीत हर एक से निभाते हैं ।
वो सभी के करीब आते हैं।।
सांवरे में है कुछ कशिश ऐसी
भक्तजन खुद ही खिंचे आते हैं।।
दूर के दृश्य सुहाने लगते
सबके मन को बहुत लुभाते हैं।।
जिसके मन में लगन कन्हैया की
श्याम उस को स्वयं बुलाते हैं।।
नैन-पट मूंद कर कन्हैया को
यअपने दिल में सदा रिझाते हैं।।
जिनके दिल में है दया का सागर
दर्द पी कर भी मुस्कुराते हैं।।
विश्व को मानते हैं घर अपना
प्रेम धारा सदा बहाते हैं।।