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प्रेमिकाओ का प्रेम / प्रिया जौहरी
Kavita Kosh से
प्रेमियों तुमसे से उम्मीद न थी
प्रेम को बहुत अलग समझा है तुमने
वैसा तो बिल्कुल नही
जैसा प्रेमिकाओं ने चाहा होगा
तुम प्रेम को भविष्य की तैयारी मानते हो
तुम प्रेम में इतने शांत हो जाते हो
जैसे तुम्हारा प्रेंम डेनमार्क की सड़कों
पर किसी जगह बेजान पड़ा हो
प्रेम में डूबी प्रेमिकाये ऐसा प्रेम नही चाहती
वो प्रेम को आज में जीना चाहती है
वो भी खूब शोर के साथ।