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प्रेम / अर्चना लार्क
Kavita Kosh से
मैंने
प्रेमियों की आँखों में
प्रेम नहीं
ज़िद देखी
प्रेम पाने को
लौटती रही ख़ुद में
और एक दिन ख़ुद की हो गई ...