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फ़िलिस्तीन / सुशान्त सुप्रिय
Kavita Kosh से
एटलस हमेशा पूरा सच
नहीं देता है
कुछ क़ौमों का जीवन
भिंची हुई मुट्ठी-सा होता है
कोई नाम साँसों में
रचा-बसा होता है
कोई नाम होठों पर
आयतों-सा होता है
इसे कहीं चेचेन्या
कहीं ईराक़
कहीं अफ़ग़ानिस्तान
कहते हैं
किंतु इसका मतलब
हर भाषा में
फ़िलिस्तीन ही होता है