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फूल हमें ख़ुशबू देते हैं / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
फूल हमें ख़ुशबू देते हैं,
और ताज़गी देते हैं।
लेते क्या हैं, इतना समझो,
सबका मन हर लेते हैं।
रंग-बिरंगे फूलों जैसी,
दुनियाँ रंग-बिरंगी है।
जिस रंग के होते वे वैसा,
रंग हममें भर देते हैं।
हवा चले जब हौले-हौले,
डालों पर इतराते हैं।
झूम-झूम कर नाच दिखाते,
मस्ताते हैं गाते हैं।
जिसने उनको हँसते देखा,
उनको खुश कर देते हैं।
कल की चिंता उन्हें कहाँ है
वे तो अब में जीते हैं।
नहीं किसी के, फूल एक के,
उनका है सम्पूर्ण जहाँ।
सुबह-सुबह बच्चों के जैसा,
रोज़ रूप धर लेते हैं।