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बच्चों के फ़ैशन-परेड को देखकर / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
कंपनियों के
कपड़ों से सजे
मुस्कुराहट बिखेरते
अभिनय करते
माल बेचते
नन्हें-मुन्ने सीख रहे हैं
खुद को बेचने की कला
खुश हैं
अभिभावक
दर्शक
आयोजक
अब लगता है
इक्कीसवीं सदी में
पहुँच गया है भारत