हारी हमारी बज्जी दो
या एक प्यारी चिज़्ज़ी दो,
झूठ-मूठ की नहीं चलेगी,
पापा जी! सच्ची-सच्ची दो!
खेल में ऐसी रोबंटी 
देखो जी, हमसे यूँ न करो,
हार गये हो तो जल्दी 
आकर हमारी बज्जी भरो।
अगर बनाया कोई बहाना 
कह देंगे जाकर मम्मी को!
हमें पता है, छोड़ा अभी तो 
पकड़ में फिर न आओगे,
गप्पों में फिर हमें लगाकर 
छू-मन्तर हो जाओगे।
कौन जो घर में नहीं जानता 
आपके जैसे गप्पी को!