भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बढ़ां आगाड़ी भाई / रणवीर सिंह दहिया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरठ के बागियों ने 11 मई 1857 को दिल्ली पर कब्जा कर लेने के बाद मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को शंहशाह ए हिंदुस्तान बना दिया गया। इसके साथ ही बागी सैनिकों की निगाहें दिल्ली के आसपास के इलाके पर पड़ी। दिल्ली के तीन तरफ हरियाणा का क्षेत्र का है और 1803 कम्पनी राज ने दिल्ली समेत इसे महाराजा सिंधिया से छीनकर बंगाल प्रै्र्रसीडेंसी के उत्तर पश्चिमी प्रान्त का दिल्ली डिविजन बना दिया था। इसमें गुड़गांव रोहतक, हिसार, पानीपत और अंबाला के जिले शामिल थे। 11 मई को गुड़गावां पर कब्जा कर लिए जाने से शुरू हुई। एक मेव किसान सदरूद्दीन ने बागी सेना और किसानों व कारीगरों को नेतृत्व प्रदान किया। क्या बताया भलाः

बढ़ां आगाड़ी भाई लड़ण का मौका है फिलहाल
वीर महिला भारत मां के लाल॥
दुश्मन का सामना करना है, फिरंगी के जुल्म तै के डरना है
एक रोज जरूरी मरना है, इसे आज मरे इसे काल
वीर महिला भारत मां के लाल॥
नींव आजादी की हम धरज्यावां, हम नाम भारत का कर ज्यावां
देश की खातर कट कै मरज्यावां, म्हारा सबका योहे ख्याल
वीर महिला भारत मां के लाल॥
कदम बढ़ावा फर्ज बुलावै सै, वीर मरद मिल बतलावै सै
देश गुलाम रखना चाहवै सै, यू अंग्रेज फिरंगी चाण्डाल
वीर महिला भारत मां के लाल॥
सदरूद्दीन नै लाया नारा, यो हिंदुस्तान सै सबनै प्यारा
बीर मरद रणबीर देश सारा, आजादी की उठैं झाल
वीर महिला भारत मां के लाल॥