भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बदबू / ऋषभ देव शर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

केसर की क्यारी में
कितने बरस से
लगातार बढ़ती ही जाती है
लाशों की बदबू;
घटती नहीं.

बर्फ का शिवलिंग
हर बरस आप से आप बढ़ता है
और घट भी जाता है
आप से आप।