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बधै मन / ओम पुरोहित कागद
Kavita Kosh से
मन मुळकै
मन ढुळकै
मन री मार
मन जाणै
मिनख भंवै
भरम्योड़ौ
मन रा कोरिया
अदीठ चितरामां।
मंडै मिटै चितराम
नीं हटै
नीं मिटै चितराम
बधै मन!