♦ रचनाकार: अज्ञात
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बना तुम किनका बुलाया रे जल्दी आया।
बनी थारा पिताजी न लिख्यो कागज भेज्यो,
बनी हम उनका बुलाया रे जल्दी आयो।।
बनी म्हारा हाथी झूलऽ द्वार,
म्हारा यहाँ घोड़ा की घमसाण,
म्हारी चाँदनी पर चौसर खेलणऽ आवजो।।
बना म्हारी हलुदी भर्यो अंग,
म्हारी पाटी मऽ गुलाल
म्हारी चोटी मऽ अत्तर,
बना म्हारी चाँदनी पर चौसर खेलण आवजो।।