बन्दर जी ने देखी बन्दरिया
सोचा ब्याह रचाऊँ
बोला, गाजा-बाजा लेकर
बरात अपनी लाऊँ ।
बोली बन्दरिया स्वागत सबका
धूमधाम से आओ
बिना दहेज गर करोगे शादी
दुल्हन मुझको पाओ ।।
बन्दर जी ने देखी बन्दरिया
सोचा ब्याह रचाऊँ
बोला, गाजा-बाजा लेकर
बरात अपनी लाऊँ ।
बोली बन्दरिया स्वागत सबका
धूमधाम से आओ
बिना दहेज गर करोगे शादी
दुल्हन मुझको पाओ ।।