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बयार ऐसी अभी चली है / बाबा बैद्यनाथ झा
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बयार ऐसी अभी चली है
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रचनाकार | बाबा बैद्यनाथ झा |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- झील का तो वही किनारा है / बाबा बैद्यनाथ झा
- जिस समय से दिल लगाना आ गया / बाबा बैद्यनाथ झा
- बात झूठी बोल कर भरमा गया / बाबा बैद्यनाथ झा
- प्रेमी युगल को देख लें पसरे जहाँ-तहाँ / बाबा बैद्यनाथ झा
- है रात यह भयानक मैं हूँ नदी किनारे / बाबा बैद्यनाथ झा
- जो भूलें कीं नादानी में / बाबा बैद्यनाथ झा
- पास जिसके योगबल या साधना है / बाबा बैद्यनाथ झा
- ख़्वाब वह रोज़ ही सजाती है / बाबा बैद्यनाथ झा
- हर श्रमिक श्रमदान अपना उम्र भर देता रहा / बाबा बैद्यनाथ झा
- भाग्य से ही मुझे साथ तेरा मिला / बाबा बैद्यनाथ झा