बरबस करषौं मुनि-मनहि निज गुन-रूप दिखाय।
मेरौ मन सो राधिका करष्यौ सहजहिं आय॥
दोऊ हम नित एक हैं, दोऊ एक-सरूप।
पै राधा विभु-प्रेम की महिमा अमित अनूप॥
बरबस करषौं मुनि-मनहि निज गुन-रूप दिखाय।
मेरौ मन सो राधिका करष्यौ सहजहिं आय॥
दोऊ हम नित एक हैं, दोऊ एक-सरूप।
पै राधा विभु-प्रेम की महिमा अमित अनूप॥