वाशिंगटन का एक छोटा-सा होटल ।
खर्राटे ले रहे हैं मेहमान
कहीं सपने न दिख जाएँ नींद में
इसलिए वे रात में भी उतारते नहीं काले चश्में ।
मोटे पहलवान की तरह का दरबान
ट्रॉय के घोड़े की अन्दरूनी चीज़ों की जाँच करने के अन्दाज़ में
पढ़ता है रजिस्टर में दर्ज यात्रियों के नाम ।
चेरी के झाड़ की सरसराहट
बरामदे में बैठे आदमी को कुछ सुनने नहीं देती ।
कनपटियों के पास दस्तक देता है ख़ून इस तरह
जैसे दूसरे सिरे पर प्राप्त न किए जाने पर
लौट आए हों टेलिग्राफ़ के संकेत ।
जनरलों की मनगढ़न्त योजनाओं की तरह है आज आकाश ।
यदि कभी भूल जाओ
तिकोन के कोणों की संख्या
या दुष्ट चक्र का क्षेत्रफल, लौट आना इधर
गुसलखाने में आईनों के जमघट ने छिपा रखे हैं
सिरिल्लिक वर्णमाला के इत्र में डूबे
मृत्यु के अत्यन्य गोपनीय रहस्य ।