बड़े घर की बहू को कार से उतरते देखा
और फिर देखीं अपनी
पाँव की बिवाइयाँ
फटी जुराब से ढकी हुईं
एक बात तो मिलती थी फिर भी उन दोनों में-
दोनों की आँखों के पोर गीले थे
बड़े घर की बहू को कार से उतरते देखा
और फिर देखीं अपनी
पाँव की बिवाइयाँ
फटी जुराब से ढकी हुईं
एक बात तो मिलती थी फिर भी उन दोनों में-
दोनों की आँखों के पोर गीले थे