बाढ़ डूबी झोंपड़ियों 
के आसमान पर 
हेलिकॉटर उड़ान भरता है
दया के क़तरे टपकाता हुआ 
बाढ़ बढ़ाता हुआ 
बाँस लेकर जूझ रही है 
झोपड़ी 
फिर खड़ी होने को 
टीन की चद्दर खड़खड़ाती है 
छप्पर के धुएं से 
आसमान में
आग लग जाती है
बाढ़ डूबी झोंपड़ियों 
के आसमान पर 
हेलिकॉटर उड़ान भरता है
दया के क़तरे टपकाता हुआ 
बाढ़ बढ़ाता हुआ 
बाँस लेकर जूझ रही है 
झोपड़ी 
फिर खड़ी होने को 
टीन की चद्दर खड़खड़ाती है 
छप्पर के धुएं से 
आसमान में
आग लग जाती है