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बिन फ़ेरे हम तेरे / बिन फ़ेरे हम तेरे

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रचनाकार: ??                 

सजी नहीं बारात तो क्या!
आई न मिलन की रात तो क्या!
ब्याह किया तेरी यादों से,
गठबन्धन तेरे वादों से,
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे
होऽऽऽऽऽओ
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे

तूने अपना मान लिया है,
हम थे कहाँ इस काबिल,
वो अहसान किया जाँ देकर,
जिसको चुकाना मुश्किल,
देह बनी न दुल्हन तो क्या!
पहने नहीं कंगन तो क्या!
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे
होऽऽऽऽऽओ
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे

तन के रिश्ते टूट भी जाएँ,
टूटें न मन के बन्धन,
जिसने दिया हमको अपनापन,
उसी का है ये जीवन,
बाँध लिया मन का बन्धन,
जीवन है तुझ पर अर्पन,
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे
होऽऽऽऽऽओ
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे

आँच न आए नाम पे तेरे,
ख़ाक भले यह जीवन हो,
अपने जहाँ में आग लागलें
तेरा जहाँ जो रोशन हो,
तेरे लिए दिल तोड़ लें हम,
घर क्या जग भी छोड़ दें हम,
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे
होऽऽऽऽऽओ
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे

जिसका हमें अधिकार नहीं था,
उसका भी बलिदान दिया,
अच्छे बुरे को हम क्या जानें,
जो भी किया तेरे लिए किया,
लाख रहें हम शर्मिंदा,
रहे मगर ममता जिंदा,
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे
होऽऽऽऽऽओ
बिन फ़ेरे हम तेरे
बिन फ़ेरे हम तेरे