Last modified on 14 जुलाई 2014, at 18:34

बोये चले थे भंवर जी पीपली / हरियाणवी

बोये चले थे भंवर जी पीपली
हांजी कोए हो गई घुमर घुमेर
बैठण की रुत चाले चाकरी