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भाषा पहचान / अज्ञेय
Kavita Kosh से
एक भिखारी ने
दूसरे भिखारी को सूचना दी :
उस द्वार जाओ, वहाँ भिक्षा ज़रूर मिलेगी।
बड़े काम की चीज़ है भाषा : उस के सहारे
एक से दूसरे तक जानकारी पहुँचाई जा सकती है।
वह सामाजिक उपकरण है।
पर नहीं। उस से भी बड़ी बात है यह
कि भाषा है तो एक भिखारी जानता है कि वह दूसरे से जुड़ा है
क्यों कि वह उस जानकारी को
साझा करने की स्थिति में है।
वह मानवीय उपलब्धि है।
हम सभी भिखारी हैं।
भाषा की शक्ति यह नहीं कि उस के सहारे
सम्प्रेषण होता है :
शक्ति इसमें है कि उस के सहारे
पहचान का यह सम्बन्ध बनता है जिस में
सम्प्रेषण सार्थक होता है।