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भूमिका / रुडयार्ड किपलिंग / तरुण त्रिपाठी
Kavita Kosh से
('डिपार्टमेंटल डिटीज़' संग्रह के लिए)
मैंने खाई है तुम्हारी रोटी और नमक.
मैंने पिया है तुम्हारा पानी और शराब.
मैंने करीब से देखी हैं तुम्हारी मौतें,
और मेरी भी थीं वे ज़िंदगियाँ जो तुमने जीं.
क्या कुछ भी था जो मैंने साझा न किया
रतजगे या मेहनत या फ़ुरसत में –
एक भी सुख या दुख जो मैंने न जाना
समंदर पार के मेरे प्रिय लोगों ?
मैंने यह कथा लिखी है हमारे जीवन की
समंदर इस पार अपने घरों में रहने वाले लोगों के लिए,
मसख़रे के रूप में – पर तुम समझदार हो,
और तुम जानते हो इन मसख़रों का महत्व..
{यह भूमिका रुडयार्ड की यह घोषणा थी कि लंदन में छप रहे इस पहले संग्रह की कवितायें एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए लिखी गयी हैं, जिनसे रुडयार्ड का सात वर्षों का नाता रहा..}