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भूल / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
छुछुन्दर नें
छुछुंदरनी सें कहलकै
एक दिन
जंगली जानवरें मिल केॅ
आदमी सें कहलकै
आबेॅ लौटी चलें
फिरो सें
चिर में
चीरहरण नैं होइतै
कोनों घोर में