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मधु बाला के साथ सुरा पी / सुमित्रानंदन पंत

मधु बाला के साथ सुरा पी,
उमर विजन में कर तू वास,
जग से दूर, जहाँ जीवन के
तापों का न मिले आभास!
दो दिन का साथी यह जीवन
ज्यों वन फूलों का आमोद,
गुलवदनों से, मधु अधरों से
करे ले कुछ क्षण हास विलास!