Last modified on 11 जून 2010, at 11:31

मन रसखान हुआ / विजय वाते

तुझ पे कुर्बान हुआ,
मन रसखान हुआ ।

जाना जब नाम तेरा,
खुद अपना ज्ञान हुआ ।

आकर तीरे लैब पर,
ये गीत अज़ान हुआ ।

उल्लेख तेरा जिसमें,
वो शेर दीवान हुआ ।

तुझको चाहा भर था,
कितना तूफान हुआ ।