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माँ / राजीव रंजन

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सुना है चाँद, तारे, जमीं ,आसमान
यहाँ तक कि पूरा ब्रह्मांड ही दिखाया था
भगवान् ने एक बार अपनी माँ को
अपने विराट स्वरूप में ।
लेकिन मैं तो रोज देखता हूँ
उस विराट स्वरूप भगवान को समाहित
चाँद, तारे, जमीं, आसमान
यहाँ तक कि ब्रह्मांड सहित
"माँ" शब्द के छोटे रूप में ।