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मृत्यु-परी से / महेन्द्र भटनागर
Kavita Kosh से
मृत्यु आओ —
- हम तैयार हैं !
मत समझो
- कि लाचार हैं ।
पूर्व-सूचना
- दोगी नहीं क्या ?
आभार मेरा
- लोगी नहीं क्या ?
आओगी -
बिना आहट किये
- आश्चर्य देती !
नटखट बालिका की तरह !
ठीक है,
स्वीकार है !
- मेरी चहेती,
- तुम्हारा खेल यह
- स्वीकार है !
चुपचाप आओ,
मृत्यु आओ
- हम तैयार हैं !
अच्छी तरह
समझते हैं —
कि जीवन-पुस्तिका का
- उपसंहार हो तुम !
इसलिए —
मेरे लिए
पूर्णता का
शुभ-समाचार हो तुम !
आओ,
मृत्यु आओ,
- हम तैयार हैं !
प्रतीक्षा में तुम्हारी
सज-धज कर
- तैयार हैं !