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मेरा छाता / लक्ष्मी खन्ना सुमन
Kavita Kosh से
मम्मी मुझे दिला दो, सुंदर
इक छोटा-सा छाता
तेज धूप में, मुझे पसीना
देखो कितना आता
जब छाते पर बादल बरसे
हमको भीगा न पाएँ
बारिश में भी बाज़ारों में
घूम मजे से आएँ
पापा जैसा काला छाता
मत मुझको दिलवाना
रंग-बिरंगे, लेकिन छोटा
अपने जैसा लाना
अच्छे मौसम मैं भी मम्मी
उसे लिए इतराऊँ
उसका लिए सहारा, ऊँचे
पर्वत पर चड़ जाऊँ