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मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी
मैं तुम ते पूछूं हो मेरे राजा कैसी लगै पनिहारी
जैसी दूध पै जमे मलाई मेरी गोरी ऐसी लगै पनिहारी
मेरे राजा...
मैं तमतै पूछूं हो मेरे राजा कैसे लगै घर-आली
जैसी चुभच्चै मैं आवै बदबोई मेरी गोरी ऐसी लगै घर-आली
मेरे राजा...
लिख-लिख चीट्ठी बीरण पै भेजूं मेरे राजा आ गए बीरण हजारी
मेरे राजा...
मैं तमतै पूछूं हो मेरे जीजा कैसे लगै पनिहारी
जैसी चुभच्चै मैं आवै बदबोई मेरे साला ऐसी लगै पनिहारी
मेरे राजा...
मैं तमतैं पूछूं हो मेरे जीजा कैसे लगै मेरी बहणां
जैसी दूध पै आवै मलाई जी साला ऐसी लगै थारी बहणां
मेरे राजा...
मैं थम तै पूछूं जी मेरे राजा अब कैसी तेरी मत मारी
मैं तम तै बोलूं हे मेरी गोरी अब डरदै की मत मारी
मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी