Last modified on 19 दिसम्बर 2020, at 21:43

मैं आग लिख रही हूँ / अनामिका अनु

मैं आग लिख रही हूँ
तुम्हें आँखों की जलन मुबारक हो
पढ़ना ! अगर चेहरे पर दाग अच्छे लगते हों l
 
मैं दीवारों पर खिड़कियाँ लिख रही हूँ
पढ़ना ! अगर देखने और दिख जाने की ज़ुर्रत कर सको ।
  
मैं पानी भी लिखूँगी
तुम्हें डूबोने के वास्ते
तुम अपनी नाव पतवार लेकर आना नहीं
तैरने के वास्ते ।