मैं थोड़ा जल्दी में था
वरना ख़ुद को भी लाता
मैं किसको क्या समझाता
कोई भी तो साथ न था
एक पड़ोसी अपना-सा
घर से कितनी दूर मिला
इतने दिन वो साथ रहा
लेकिन उसका नाम-पता !
ख़ामोशी ने जो बोला
मैंने बिल्कुल साफ़ सुना !