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मैं हूँ, यहाँ हूँ. / भारत यायावर
Kavita Kosh से
मैं हूँ
जहाँ हूँ
जहाँ रहूंगा
मैं नहीं हूँ
जहाँ नहीं हूँ
नहीं रहूँगा
इसलिए क्यों करते हो कोशिश
मेरे सहचर !
लौटने की
अपने धरातल से
कैसे लौट सकता हूँ ?
मैं नहीं चाहता
एक सिंहासन
एक सोने का हिरण
मैं नहीं चाहता
एक बाँसुरी
एक वृन्दावन
मेरे सहचर !
चाहता हूँ भटकना मीलों-मील
धूल में, रेत में
धूप में, ठंड में
चाहता हूँ जीना
संघर्ष में
प्यास में
आग में
मैं हूँ
यहाँ हूँ
यहीं रहूंगा ।